51 में चीफ जस्टिस बने संजीव खन्ना
कभी उनके चाचा को इंदिरा गाँधी ने नहीं बनने दिया था CJI..
सर्वोच्च न्यायालय के कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे न्यायमूर्ति संजीव खन्ना सोमवार को (11 Nov २०२४) भारत के 51 वे प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म साष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाएंगी न्यायमूर्ति संधीव खन्ना, न्यायमूर्ति DY चंद्र चूड़ की जगह लेंगे जो रविवार (10 Nov 2024) को सेवानिवत्त हो गए। न्यायमूर्ति का कार्यकाल 13 मई 2025 तक रहेगा। केन्द्र ने 16 अक्टूबर को प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड की सिफारिश पर 24 अक्टूबर को न्यायमूिर्ति खन्ना की नियुक्ति को आधिकारिक रूप से आधिसूचित किया था। शुक्रवार को न्यायमूर्ति चंद्रचूड का प्रधान न्यायाधीश रूप में अंतिम कार्य दिवस था।
CJI के बारे में
नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
सेवानिव्रत्त आयु= 65 वर्ष
कौन है संजीत खन्ना ?
जन्म 14 मई 1960 -
1983 में नामांकन - 2004 - दिल्ली बार काउंसिल में वन एडवोकेट के रूप में - राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील के रूप में नियुक्त।
2004 दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत
2006 स्थायी न्यायाधीश बने (दिल्ली)
18 जनवरी, 2019 सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत
पिता दिल्ली हाइकोर्ट, चाचा सुप्रीम कोर्ट के जज है । संजीव खन्ना की विरासत वकील की रही है उनके पिता देवराज खन्ना दिल्ली HC के जज रहे बही चाचा हंसराज खन्ना SC के मशहूर जज थे। उन्होंने इंदिरा सरकार के इमरजेंसी लगाने का विरोध किया था। साथ ही राजनीतिक विरोधियों को बिना सुनवाई जेल में डालने पर भी नाराजगी जताई थी।
1977 में वरिष्ठता के आधार पर उनका CJI बनना तय माना जा रहा था लेकिन जस्टिस M H बेग को CJI बनाया गया । इसके विरोध में उन्होंने SC से इस्तीफा दे दिया। इंदिरा की सरकार गिरने के बाद बह चौधरी चरण सिंह की सरकार में 3 दिन के लिए कानून मंत्री भी बने थे
संजीव खन्ना ने 5 ऐतिहासिक फैसले लिए -
ART -370
इलेक्टोरल बॉन्ड
SC में अपने 6 साल के करियर में जस्टिस खन्ना 450 बेचों का हिस्सा रहें उन्होंने खुद 115 फैसले लिखे इसी साल जुलाई में जस्टिस खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने दिल्ली के पूर्व cm अरविंद केजरीवाल को जमानत दी थी।
8 नवंबर को AMU से जुड़े फैसले में जस्टिस खन्ना ने यूनिवर्सिटी को माइनॉरिटी स्टेटस दिए जाने का समर्थन किया ।
2023 Art 370 को हटाने के निर्णय में शामिल जस्टिस खन्ना की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने वोट डालने के बाद VVPAT मशीन की पर्चियों के वेरिफिकेशन की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस खन्ना ने कहा था कि बोट काउंटिंग की मौजूदा व्यवस्था में कोई दिक्कत नहीं है।
सेम सेक्स मैरिज केस से खुद को अलग किया ।
अगले 8 मुख्य न्यायाधीश [ 7 वर्षों के अंदर ]
जस्टिस संधीव खन्ना 11 Nov. 2024 13 मई 2025
→ BR गवई. 14 मई 2025- 23 नवंबर 2025
→ सूर्व कांत 25 नवंबर 2025- 9 फरवरी 2027
विक्रम नाथ 10 feb 2027- 23 sep 2027
BV नागारत्ना 24 sep 2024 -29 Oct 2027
जस्टिस P नरसिम्हा 30 Oct 2027- 2 may 2028
JB पारदीवाला 3 मई 2028 - 11 Aug 2030
KV विश्वनाथन 12 Aug 2030- 25 may 2031
जस्टिस संजीव खन्ना (Sanjeev Khanna) ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) के रूप में शपथ ली। वे मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की जगह लेंगे जो रविवार को सेवानिवृत्त हुए। न्यायमूर्ति खन्ना मुख्य न्यायाधीश के रूप में छह महीने का कार्यकाल पूरा करेंगे।
जस्टिस संजीव खन्ना ने भारत के चीफ जस्टिस की शपथ ली।
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश थे पिता न्यायमूर्ति देस राज खन्ना
मां सरोज खन्ना लेडी श्रीराम कॉलेज में थीं हिंदी की लेक्चरर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) ने आज यानी 11 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थिति रहे।
वह दिल्ली के रहने वाले हैं और उन्होंने अपनी सारी पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से ही की है। उनका जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। उनके पिता न्यायमूर्ति देस राज खन्ना थे, जो दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
लेडी श्रीराम कॉलेज में हिंदी की लेक्चरर थीं मां
जस्टिस संजीव खन्ना की मां सरोज खन्ना दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज में हिंदी की लेक्चरर थीं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से की और 1977 में स्कूली शिक्षा पूरी की। स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ लॉ के कैंपस लॉ सेंटर (CLC) से कानून की पढ़ाई
कई प्रमुख कानूनों पर है जबर्दस्त पकड़
संजीव खन्ना 1983 में दिल्ली बार काउंसिल के साथ एक वकील के रूप में नामांकित हुए। शुरुआत में दिल्ली के तीस हजारी परिसर में जिला न्यायालयों में और बाद में दिल्ली के उच्च न्यायालय और संवैधानिक कानून, प्रत्यक्ष कराधान, मध्यस्थता जैसे विविध क्षेत्रों में न्यायाधिकरणों में प्रैक्टिस की। वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून, भूमि कानून, पर्यावरण कानून और चिकित्सा लापरवाही कानूनों पर उनकी जबर्दस्त पकड़ है।
आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील भी रहे खन्ना
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